स्थान: नैनीताल, उत्तराखंड
क्षेत्र: 600 वर्ग किमी
जाने का सबसे अच्छा समय: फरवरी से मई
वन आकर्षण: पर्णपाती वन, बंगाल टाइगर, हाथी सफारी
काफी लंबे समय से, कॉर्बेट नेशनल पार्क पर्यावरण-पर्यटक और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक पसंदीदा स्थान रहा है। इसका नाम शिकारी से संरक्षणवादी बने जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था। यह पार्क कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अपने चयनित क्षेत्रों के लिए प्रसिद्ध है। हाल ही के एक डेटा ने पुष्टि की है कि 70,000 से अधिक आगंतुक हर शाल पार्क में आते हैं, विशेष रूप से फरवरी से मई के बीच और इस विशाल परिदृश्य की शानदार सुंदरता को सफलतापूर्वक घुमते हैं।
कॉर्बेट नेशनल पार्क कि स्थापना 1936 में हुई थी। और यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। साल, हल्दू, पीपल, आम के पेड़ और रोहिणी सहित पर्णपाती वनस्पतियां पार्क के 73% हिस्से में फैले हुए हैं। घने जंगल में स्तनधारियों की लगभग 50 प्रजातियाँ, 580 पक्षी प्रजातियाँ, 25 सरीसृप और 110 प्रजातियाँ पेड़ हैं।
कॉर्बेट नेशनल पार्क में इको-टूरिज्म
जीप और हाथी सफारी पार्क में जंगल का अनुभव करने का सबसे अच्छा तरीका है। जीप पर एक विशेष सवारी के साथ बिजरानी, झिरना, सीताबनी और दुर्गादेवी जैसे घने क्षेत्रों का आनंद उठा सकते है। गर्जिया में 1.5 घंटे की हाथी की सवारी एक जरूरी गतिविधि है। इसके अलावा, वन्यजीव प्रेमी कैंटर (17 सीटर) का विकल्प चुन सकते हैं और जंगल में घूम सकते हैं।
रहने के विकल्प:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में विश्राम गृह पर्यावरण-पर्यटकों के लिए आवास का सबसे अच्छा स्थान है। कालाढूंगी 2 सुइट्स के साथ कॉर्बेट फॉल के सीमावर्ती इलाके में रामनगर से हल्द्वानी के बीच में कॉर्बेट गांव के ट्रेक के साथ स्थित है। एक और ठहरने का विकल्प सीताबनी में है, जो रामनगर से 20 किलोमीटर दूर पार्क के सीमावर्ती इलाके में घने साल के जंगल में स्थित है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व तक पहुंचना
हवाईजहाज से:
फूलबाग, पंतनगर में निकटतम हवाई अड्डा है जो पार्क से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा, निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा राजधानी दिल्ली में 300 किलोमीटर दूर स्थित है।
रेल द्वारा:
रामनगर बोर्ड गेज ट्रैक पर खड़ा है, जहां से सड़क परिवहन के विकल्प आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं।
सड़क द्वारा:
निकटतम बिंदु, ढिकाला रामनगर से 51 किलोमीटर, रानीखेत से 62 किलोमीटर, नैनीताल से 100 किलोमीटर, ऋषिकेश से 220 किलोमीटर और दिल्ली से यह 300 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।